- अपनी परेशानियों से कभी दुखी मत होना,
क्योंकि सुना है परेशानियां खुदा उन्हीं को देता है,
जिनसे वह मोहब्बत करता है। - मेरी लाख बुराइयों को जानते हुए भी
मुझसे बेइन्तहा मोहब्बत करने वाला
सिर्फ मेरा रब है। - क़दर
क़दर करनी है तो ज़िंदा में करो,
चेहरे से कफन उठते वक्त तो,
नफ़रत करने वाले भी रो पड़ते हैं। - लोग मुझे तोड़ते गए और
मैं अपने अल्लाह से जुड़ता गया ।
इज्जत, दौलत और तारीफ मांगी नहीं जाती,
कमाई जाती है। - जिंदगी आसान नहीं होती,
इसे आसान बनाना पड़ता है,
बर्दाश्त करके, सबर करके और
बहुत कुछ नजर अंदाज कर के। - अल्लाह मुझे तेरा साथ जिंदगी भर नहीं चाहिए,
बल्कि जब तक तू साथ है तब तक जिंदगी चाहिए। - तू करता वही है जो तू चाहता है,
पर होता वही है जो अल्लाह चाहता है,
तू वही कर जो अल्लाह चाहता है,
फिर वो होगा जो तू चाहता है। - इंसान की इज्जत करो और उससे मुहब्बत करो,
हर इंसान के अंदर खुदा पाक की कोई ना कोई सिफत मौजूद होती है। - मेरी इबादतो को ऐसे कबूल कर ये मेरे खुदा
की सजदो में मैं झुकूं और
मुझसे जुड़े हर रिश्ते की जिंदगी संवर जाए। - जो खोया वह मेरी नादानी थी,
जो पाया वह मेरे रब की मेहरबानी। - अल्लाह से पूछा गया इसान कब बुरा बनता है,
अल्लाह ने फरमाया-
जब वो अपने आप को दूसरों से अच्छा समझने लगे। - दुआ मांगते रहो क्योंकि मुमकिन और
नामुमकिन तो हमारी सोच है,
रब के लिए तो सब मुमकिन है। - किसी से नेकी करते वक्त बदले की उम्मीद ना रखो,
क्योंकि अच्छाई का बदला इंसान नहीं देता है। - इस दुनिया में कभी बिना चाबी के कोई ताला नहीं बनता,
इसलिए अल्लाह हमें बिना समाधान के कोई समस्या नहीं देता। - या अल्लाह मुझपे इतना करम फ़रमा की,
मै तेरा ही ज़िक्र करूँ,
तेरा शुक्र करूँ और
बस तेरी ही इबादत करूँ। - लोग तुम्हें बदनाम करने की लाख कोशिश करेंगे
मगर,
याद रखना इज्जत और ज़िलत अल्लाह के हाथ में है। - बेहतरीन
मैने बेहतर की ख्वाहिश की थी,
मुझे अल्लाह पाक ने बेहतरीन से नवाजा है। - दुआ जो अपने लिए नहीं
दूसरों के लिए दुआ करते हैं,
उनके हक में फरिश्ते दुआ करते हैं। - बेशक इंसान जब अच्छा सोचता है,
तो अल्लाह खुद ही रास्ते निकाल देते हैं
और मुश्किलें आसान कर देते हैं। - डॉक्टर आपका इलाज कर सकते हैं,
लेकिन याद रखें कि केवल अल्लाह ही है,
आपको ठीक कर सकता है। - परेशानियाँ तो आती जाती रही है,
और आती जाती रहेगी,
बस तुम अल्लाह से कभी उम्मीद मत हारना। - जो बुरा कहे चुप हो जाओ जो सताए सबर करो,अल्लाह की कसम सी ताकत बनोगे पहाड़ भी रास्ता देगा
- कुरान की खूबी यह है कि
आप उसका संदेश नहीं बदल सकते,
लेकिन उसका संदेश आपको बदल सकता है। - हमेशा उम्मीद अल्लाह पे रखो,
क्योंकि इस पूरी कायनात मैं जितनी जल्दी अल्लाह राजी होता है,
इतनी जल्दी कोई राजी नहीं होता। - अल्लाह का शुक्रिया अदा करना कभी न भूलें,
क्योंकि वह आज सुबह आपको जगाना नहीं भूले। - मैने कब कहाँ
ऐ उपरवाले मुझे कभी रोने मत देना,
बस तेरे अलावा कहीं और झुकना पड़े,
ऐसा कभी होने मत देना। - जब तुम्हारा दिल बेचैन हो जाए करे,
तो उस बेचैनी की ज़िक्र अपने रब से करो,
लोगो से नहीं। - अल्लाह कहता है,
किसी को तकलीफ देकर मुझसे अपनी खुशी की दुआ मत करना,
लेकिन किसी को एक पल की ख़ुशी देते हो तो,
अपनी तकलीफ की फ़िक्र मत करना। - इबाबत
क्या खूब इबाबत बक्शी तूने एक रोज़े में,
शुक्र भी, सब्र भी, फ़िक्र भी,
नेमत भी और रहमत भी। - या अल्लाह कुछ दे या ना दे,
बस माँ-बाप का साया ना उठाना सर से आमीन। - चाकू ने इस्माइल को नहीं मारा, आग इब्राहिम को नहीं लगी, एक व्हेल ने यूनुस को नहीं खाया, समुद्र ने मूसा को नहीं डुबोया, अल्लाह के साथ रहो और अल्लाह तुम्हारी रक्षा करेगा
- हम पृथ्वी पर सबसे अपमानित लोग थे और अल्लाह ने हमें इस्लाम के माध्यम से सम्मान दियाकोशिश किया करो तुम्हारे दिन का आगाज कुरान ए पाक की तिलावत से हो.
इबाबत
क्या खूब इबाबत बक्शी तूने एक रोज़े में,
शुक्र भी, सब्र भी, फ़िक्र भी,
नेमत भी और रहमत भी। - अल्लाह कहता है,
किसी को तकलीफ देकर मुझसे अपनी खुशी की दुआ मत करना,
लेकिन किसी को एक पल की ख़ुशी देते हो तो,
अपनी तकलीफ की फ़िक्र मत करना। - जिन घरों में सुबह के वक्त कुरान की तिलावत होती है उनके घर आसमान वालों के लिए यू चमकते हैं जैसे जमीन वालों के लिए सितारे.
- मोमिन वोी जिसकी महफिल पाक है, मोमिन वो है जिसकी तन्हाई पाक है.
- लोग मुझे तोड़ते गए और मैं अपने अल्लाह से जुड़ता गया.
- अल्लाह से पूछा गया इंसान कब बुरा बनता है, अल्लाह ने फरमाया – जब वो अपने आप को दूसरों से अच्छा समझने लगे.
- ना गोरा रंग हुसैन की अलामत है और ना काला रंग बदसूरती की निशानी, कफन सफेद होकर भी खौफ की अलामत है और काबा काले गुनाह में भी आंखों की ठंडक है.
- ज़कात” दान देना : एक व्यक्ति को आवश्यकता में पड़े हुओं की सहायता करनी चाहिए, क्योंकि सब कुछ अल्लाह की ओर से आता है।
- “हज” हज़ पर जाना : मक्का की तीर्थयात्रा (मकाह) को जीवन में कम से कम एक बार अवश्य किया जाना चाहिए,(जो इस्लाम के पंचांग का बारहवां महीना है।
- सलात या नमाज़” प्रार्थना करना : पाँच प्रार्थनाओं का पालन प्रतिदिन करना चाहिए
- या अल्लाह तेरे नाम से ही मैं जीता हूं तेरे नाम पर ही मैं मरता हूंड़े घर और बड़े दिल का क्या करना जब वो अल्लाह के जिक्र से ही खाली हो.
- ദുരെ എവിടെയോ തെക്ബീർ മോഹിയുടെ ഇസൽ കാതോര്ത്ത് ഇരിക്കുന്ന എന്റെ ഉമ്മച്ചി കുട്ടിക്ക് ഇക്കാന്റെ ഈദ് മുബാറക്जब हम अल्लाह के साथ अपने संबंध बनाएंगे तो वह हमारे लिए सब कुछ बनाएगा.”
- यह मुस्लिम नहीं थे जिन्होंने इस्लाम को महान बनाया, यही इस्लाम था जिसने मुस्लिम को महान बनाया.”
- रमजान में गलतियों से बचें, गुस्सा करना, पूरे दिन सोना, प्रार्थना के बिना उपवास करना, बुरी भाषा.”
- ”रमजान एक महीना है जब शैतान जंजीर.”
- ”रमजान में अल्लाह से माफी मांगें.”